Monday, February 15, 2010
Bajrangi Byaah Kara De
भैया भोला राम कुंवारे, जा पहुंचे हनु मंदिर दुवारे,
हाथ जोड़ कर बोले, हे बजरंगी !! मुझ पर ध्यान जरा दे ..
बहुत दिनों से भटक रहा हूँ, मेरा ब्याह करा दे !!
विनती सुनकर इस कुंवारे की, बोले तब हनुमान,
कि कान खोल कर सुन ले मेरी, ओ मूरख इंसान !!
दो पेढे परसाद चड़ा कर जीवन भर का स्वाद चाहिए,
दो दिन की सेवा के बदले, ब्याह का आशीर्वाद चाहिए !!
क्या तुझ को मालूम नहीं, में श्री राम का प्यारा,
गदा उठा कर रण में कूदा, जब भी हुआ इशारा !!
सीता माँ कि खोज में निकला, लंका में जा आग लगा दी,
हिमगिरी कि चोटी पर चड़कर, लक्ष्मण सांजी बूटी ला दी,
सेवा में जा उम्र खपा दी .....
सेवा में जा उम्र खपा दी .. तब भी नहीं हुई मेरी शादी !!!
भोले भक्त बता तू मुझको , तुझ को मैं कैसे समझाउं ??
मेरा ब्याह तो हो जाने दे ...... फिर तेरा करवाऊं !!
मेरा ब्याह तो हो जाने दे ...... फिर तेरा करवाऊं !!
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wah wah.... valentine day pe isse achhi kavita nahi.
ReplyDeletehaha .. thanks Himanshu !!
ReplyDeleteek dum mast..
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